देश के आदिवासियों के हितार्थ राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद ने सौंपा ज्ञापन

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देश के आदिवासियों के हितार्थ राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद ने सौंपा ज्ञापन

धौलपुर । राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद ने देश व्यापी आव्हान पर नौबत लाल कैन के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर धौलपुर राजकुमार कसवां को आदिवासियों की संस्कृति, भाषा और पहचान को अक्षुण्य बनाए रखने हेतु ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया कि देशभर में जनजातियों के व्यक्तियों को आदिवासियों के रूप में जाना जाता है, इनके द्वारा भारत में के विभिन्न राज्यों में रहकर जल जंगल और जमीन सहित अपनी संस्कृति, भाषा, और अपनी पहचान को बनाए रखने के लिए संघर्ष किया जाता रहा है।
भारत के संविधान में आदिवासियों के अस्तित्व को जिंदा रखने के लिए विभिन्न अनुच्छेदों में उनके शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक ,राजनीतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों को बचाए रखने के लिए संविधान निर्माताओं ने व्यवस्था की है। आदिवासियों ने अपने इतिहास को बचाए रखने के लिए विदेशी आक्रांताओं से भी जमकर लोहा लिया, मगर अफसोस आजादी के बाद से प्रजातांत्रिक सरकारों द्वारा पर्यावरण को बचाने के नाम पर, कभी जंगली जानवरों को बचाने के नाम पर तो कभी रसूखदारों को फैक्ट्री लगाने के नाम पर उनके जंगल और जमीन को हड़पने का षड्यंत्र कारी कार्य किया जाता रहा है। जबकि संविधान में किए गए प्रावधानों के अनुसार इन आदिवासियों को सुरक्षा और संरक्षा की आवश्यकता थी, साथ ही उनके लिए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत आधार तैयार किया जाना चाहिए था।
संवैधानिक तथ्यों के आधार पर आदिवासी हिंदू नहीं है उनकी मान्यताएं परंपराएं और संस्कृति हिंदुओं से अलग है उसके बावजूद भी समान नागरिक संहिता के नाम पर उन्हें हिंदू बनाए जाने का षड्यंत्र किया जा रहा है। उनकी सांस्कृतिक पहचान को मिटाने के लिए हिंदू धर्मावलंबियों के द्वारा भागवत कथा का आयोजन कराया जाना, मंदिरों का निर्माण कराया जाना,अन्य तीज त्योहारों को जबरदस्ती मनवाया जा रहा है। यही नहीं मणिपुर जैसे शांतिप्रिय राज्य में कुछ आदिवासियों को हिंदू और कुछ को ईसाई बताकर आपस में ही लडाया जा रहा है और सरकार से मिलकर कुछ खास संगठनों ने यह रणनीति बनाई है, यही नहीं उन भोले भाले आदिवासियों को अपनी बात मनवाने के लिए उन पर अत्याचार किए जा रहे हैं, इसके साथ ही उन पर जंगलों को छोड़ने पर मजबूर करने के लिए एफ आई आर दर्ज की जा रही हैं। राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के इस ज्ञापन के समर्थन में पप्पू सोनी, जिला महासचिव, डॉ आंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी कर्मचारी एसोसिएशन, डॉ रतन सिंह, जिला अध्यक्ष, डॉक्टर अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान, रोशन लाल बौद्ध, जिला अध्यक्ष ,भारतीय बौद्ध महासभा , वी के कंचन, राष्ट्रीय सचिव, समता सैनिक दल, जलसिंह अध्यापक, कोषाध्यक्ष, डॉक्टर अंबेडकर क्लब धौलपुर, रामहेत थानेदार, संयोजक ,माता सावित्रीबाई रमाबाई बुक बैंक, रमेश चंद साहू, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, सफाई मजदूर यूनियन राजस्थान, कप्तान सिंह, जिला अध्यक्ष, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति परिषद, कैलाश चंद,जिला अध्यक्ष मिशन जय भीम, कन्हैया लाल जिला अध्यक्ष भीम आर्मी आदि मौजूद रहे।
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